– 12 नवम्बर से 16 नवम्बर तक केंद्रीय दल जालोर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की गतिविधियों की धरातल पर करेगा जांच
– राजस्थान प्रदेश में निम्न परफॉर्मेंस में जालोर जिले का नाम, जबकि आशान्वित जिले के रूप में करौली शामिल
– 12 नवम्बर से जिले में कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) के तहत केंद्रीय दल करेगा जांच
दिलीप डूडी. जालोर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधाओं में इस बार जालोर जिले की दुर्गति सामने आई है। लिहाजा, इसकी जांच को लेकर कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) के तहत 12 नवम्बर को केंद्रीय दल जालोर आएगा। 8 से 10 अधिकारियों की टीम जिले में 16 नवम्बर तक एनएचएम के तहत किये कार्यों की धरातल पर जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी। ऐसे में जिले में इससे जुड़े अधिकारियों पर कार्य में ढिलाई को लेकर गाज गिर सकती है।
निम्न प्रदर्शन में जालोर का नाम
आपको बता दें कि तीन साल बाद यह रिव्यू हो रहा है। इस बार एनएचएम की सुविधाओं के बारे में जालोर जिले का प्रदर्शन प्रदेश में सबसे निम्न स्तर का रहा है। जिस कारण केंद्रीय दल 12 नवम्बर से 16 नवम्बर तक जालोर जिले में भ्रमण कर जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे। राजस्थान में निम्न प्रदर्शन के आधार पर केवल जालोर जिले में ही जांच की जाएगी। जबकि आशान्वित जिले के रूप में एक दल करौली में भी भ्रमण करेगा।
यह मिलती है एनएचएम के तहत सुविधाएं
एनएचएम के तहत विभिन्न प्रकार स्वास्थ्य सम्बंधित योजनाएं संचालित की जाती है। जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, मदर एंड चाइल्ड हेल्थ, निःशुल्क दवाएं और निःशुल्क निदान सेवा, जिला अस्पताल एवं ज्ञान केंद्र, इत्यादि विभिन्न प्रकार की सेवाएं और केंद्र एनएचएम द्वारा संचालित किए जाते है।
दो पार्ट में काम करता है एनएचएम
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से एनएचएम का संचालन किया जा रहा है। इस योजना की स्थापना 12 अप्रेल 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के कार्यकाल में हुई थी। प्रारम्भिक में इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने का था, जिस कारण शुरुआत राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के नाम से हुई, लेकिन उसके बाद गांवों के साथ साथ शहरी इलाकों की सुविधाओं के लिए भी पार्ट कर इसे राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के रूप में संचालित किया जाने लगा। ऐसे में दोनों पार्ट को संयुक्त नाम एनएचएम देकर अब इस मिशन को संचालित किया जा रहा है। जो कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं मुहैया कराता है और हेल्थ सिस्टम को मजबूती प्रदान कराता है। इसी एनएचएम के तहत कुछ पद आशा बहु, टीकाकरण टीम, नर्सिंग, मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट इत्यादि पद भरे जाते है। जालोर जैसे जिले के लिए महत्वपूर्ण है एनएचएमतटस्थ दूर-दूर फैलाव रखने वाले जालोर जैसे जिले के लिए एनएचएम योजना बेहद महत्वपूर्ण है। मछली आकार के इस जिले की ग्रामीण बसावट दूर-दूर फैलाव है। इस कारण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती थी, एनएचएम के कारण काफी राहत मिली, जिले के दूरस्थ ढाणियों में बैठे मरीजों को एनएचएम के तहत लाभ मिलने लगा, लेकिन पिछले तीन साल से चिकित्सा महकमे की उचित मोनिटरिंग नहीं होने के कारण जालोर में एनएचएम की दुर्गति हुई है। यही वजह है कि केंद्रीय दल को इसकी जांच के लिए जालोर आना पड़ रहा है।