- अब जालोर नगरपरिषद के कर्मचारी को कोई ले जाएगा तो वसूलेंगे प्रतिदिन एक हजार रुपए
– जालोर नगरपरिषद की बजट बैठक आयोजित
– मॉडल भवन विनियम पारित
जालोर.
जालोर नगर परिषद की बैठक मंगलवार को सभापति गोविंद टाक की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में नगर परिषद जालोर का वार्षिक बजट 73 करोड़ रुपए अनुमोदित किया गया। साथ ही मॉडल भवन विनियम 2020 भी बैठक में पारित किया गया। बजट के आय व्यय को लेकर विपक्ष ने बोर्ड से सवाल-जवाब भी किए। कई बिंदुओं पर सहमति भी हुई, कई पर आपत्ति भी जताई गई। सबसे बड़ा एक निर्णय पक्ष और विपक्ष की ओर से मिलकर लिया गया, जिसमें तय किया गया कि नगर परिषद के किसी भी कर्मचारी को आवश्यक सेवाओं के अलावा कहीं पर ले जाने पर प्रतिदिन एक हजार रुपये वसूल किए जाएंगे। इससे न केवल कर्मचारियों की कमी की पूर्ति हो सकेगी, वहीं नगर परिषद का राजस्व भी बढ़ेगा। बैठक में आयुक्त महिपाल सिंह, लेखाधिकारी अशोक शर्मा, दिनेश महावर, पार्षद भरत सुथार, हीराराम देवासी, ममता जीनगर, दिनेश बारोठ, नन्दकुमार सोनी, मदनराज जैन, शीला चौधरी, चौथसिंह गुर्जर, अमजद खान, नीतू कंवर, मनीषा गहलोत, समेत नगर परिषद के पार्षद उपस्थित थे।
इन चार बड़े निर्णयों पर हुई सर्वसम्मति
हालांकि, इस बैठक में पक्ष व विपक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन बजट पारित होने के साथ ही चार मुख्य बिंदुओं पर दोनों पक्षों की ओर से सर्वसम्मति जाहिर की गई। इनमें सबसे पहले नगर परिषद में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को आवश्यक सेवाएं अर्थात आपदा व चुनाव संबंधित कार्य को छोड़कर किसी भी विभाग की ओर से कहीं भी कार्य करवाने के लिए ले जाने पर उस कर्मचारी एवज में नगर परिषद की ओर से संबंधित विभाग से प्रतिदिन एक हजार रुपए वसूलने का निर्णय किया गया है। इसी प्रकार नगर परिषद से जारी होने वाले टेंडर के संवेदक को अब यह भी करना होगा कि कार्य शुरू करने के साथ ही संबंधित वार्ड में होने वाले कार्य के जी-शेड्यूल की कॉपी अब संबंधित वार्ड के पार्षद को भी देनी होगी। वही कार्य पूर्ण होने पर संबंधित क्षेत्र के पार्षद से संतोषीय प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना होगा, उसके बाद ही नगर परिषद की ओर से संबंधित ठेकेदार को उसका पेमेंट किया जा सकेगा। इसी प्रकार पार्षद राजेंद्र टाक की ओर से एक सुझाव रखा गया कि नगर परिषद क्षेत्र के सभी वार्डों में जारी निर्माण कार्यों पर सर्वे किए जाएं। साथ ही पता लगाया जाए कि किस कार्य में एनओसी ली गई है या किस कार्य पर अवैध कार्य चल रहा है। इसका सर्वे करके सूचीबद्ध किया जाए, इससे न केवल नगरपरिषद राजस्व प्राप्त होगा वही भवन निर्माण करवाने वाले व्यक्ति के लिए सुविधा भी रहेगी। इन तीनों बिंदुओं पर बोर्ड में भाजपा व कांग्रेस समेत निर्दलीय पार्षदों ने सहमति जताई है। इसी प्रकार पार्षद महेश भट्ट की ओर से सुझाव रखा गया कि रविवार के दिन कोई जानकर मर जाता है तो उसे उठाने वाला कोई नहीं होता। इस पर निर्णय किया गया कि एक कर्मचारी की 24 घण्टे इस कार्य के लिए लगाई जाएगी। ताकि किसी को कोई समस्या न हो।
सांखला ने उठाया सिटी सेंटर के पार्किंग का मुद्दा
शहर में सिटी सेंटर की पार्किंग का भी मुद्दा उठाया गया। पार्षद लक्ष्मणसिंह सांखला ने बताया कि सिटी सेंटर नामक कॉम्प्लेक्स में नियमों के मुताबिक मनोरंजन केंद्र भी नहीं है। वहीं सिटी सेंटर में पार्किंग के स्थान पर दुकानें बनाने का भी आरोप लगाया। सांखला ने बोर्ड से इस मामले की जांच की मांग की
मॉडल भवन विनियम पारित
बैठक के एजेंडे में मॉडल भवन विनियम 2020 शामिल किया हुआ था। पिछली बैठक में भी यह बिंदु एजेंडे में शामिल था, लेकिन कांग्रेसी पार्षदों ने बैठक बहिष्कार कर दिया था, जिस कारण इस बिंदु को इस बैठक में शामिल किया। इस बैठक में भी इस बिंदु को पूरा पढ़कर समझने का हवाला देते हुए कांग्रेसी पार्षद बसन्त सुथार ने अगली बैठक में शामिल करने का निवेदन किया, इस पर उप सभापति अम्बालाल व्यास ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से बनाए गए इस बिल्डिंग बायलॉज को कांग्रेसी पार्षद चाहते हैं कि पारित नहीं किया जाए तो हम रोक सकते हैं, इस पर कांग्रेस पार्षद भी पारित करने को सहमत हो गए।
नगरपरिषद में कांग्रेस की टीम “मिस्टर बीपीएल” रही हावी
जालोर नगरपरिषद बोर्ड को सवालों में घेरने के लिए प्रसिद्ध कांग्रेस टीम “मिस्टर बीपीएल” का इस बार भी दबदबा रहा। मिस्टर बीपीएल अर्थात मिश्रीमल गहलोत, राजेन्द्र सोलंकी, बसन्त सुथार, पिंटू भाई व लक्ष्मणसिंह सांखला ने इस बैठक में भी कई सवाल खड़े किए, जिनका सभापति व्यवस्थित जवाब नहीं दे पाए थे। विशेषकर राजस्व बढ़ाने को लेकर इस टीम की ओर से बोर्ड के प्रयासों को विफल बताया।