हंगामेदार रही नगर परिषद की बैठक
भाजपा की ओर से अकेले मोर्चा संभाला पार्षद दिनेश महावर ने
जालोर.
जालोर नगर परिषद सभाभवन में सोमवार को नगर परिषद की साधारण सभा की बैठक सभापति गोविंद टाक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा भी हुआ। शहर में सड़कों के टेंडर को लेकर हंगामा हुआ। वहीं पंजीकृत भूखंडों की एनओसी मामले को लेकर भी गरमा गरम बहस हुई। बैठक में आयुक्त महिपाल सिंह, उपसभापति अम्बालाल व्यास, लक्ष्मणसिंह सांखला, बसन्त सुथार, दिनेश महावर, सांवलाराम माली, शीला चौधरी, मदनराज जैन, हीराराम देवासी, कालूराम मेघवाल, अनिल पंडत, भरत सुथार, सुरेश मेघवाल, मेथी देवी, सुशीला भादरु, महेश भट्ट, दिनेश बारोठ, अफ़रोज़ा बानो, रज्जाक खान, नीतू कंवर, पल्लवी सोलंकी, नन्दकिशोर सोनी समेत पार्षद मौजूद थे।
एजेंडे में शामिल थे ये बिंदु
दस बिंदुओं को इस बैठक में शामिल किया गया। जिसमें नगरपरिषद , जालोर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से कनिष्ठ सहायक एवं कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक एवं क्लीनर से वाहन चालक के पद पर कार्मिकों को पदोन्नति देने पर विचार, नगरपरिषद जालोर में सफाई सेवकों से सफाई जमादार के पद पर कार्मिकों को पदोन्नति देने पर विचार, पंजीकृत ( रजिस्ट्री ) दस्तावेजों पर मूलभुत सुविधाएँ यथा पानी व बिजली के कनेक्शन हेतु परिषद के 40 वार्डो के निर्वाचित वार्ड पार्षद द्वारा अपने वार्ड से संबंधित अनुशंषा किये जाने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में विचार – विमर्श, नगपरिषद क्षेत्र जालोर में बीओटी के आधार पर यूनिपोल लगाने हेतु निलामी के संबंध में स्वीकृति प्रदान कराने के संबंध में, नगरपरिषद जालोर के सरहद मौजा जालोर चक नं 0 03 के खसरा नम्बर 2437 रकबा 2.12 हैक्टर किस्म बारानी सोयम में से 0.80 हैक्टर भूमि गोचर हेतु आरक्षित करने के लिए तहसीलदार को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के संबंध में विचार – विमर्श, नगरपरिषद , क्षेत्र मे आये हुये नये क्षेत्र यथा एफसीआई , गौडीजी एवं अन्य क्षेत्र जो कि लेटा पंचायत में अधीन थे , उक्त क्षेत्र में तत्कालीन सरपंच द्वारा जारी किये गये पट्टों एवं मौके पर काबिज भूखण्डधारियों द्वारा पट्टों की मांग किये जाने पर पट्टे दिये जाने पर विचार – विमर्श, प्रशासन शहरों के संग अभियान -2021 को लेकर विचार – विमर्श, परिधि नियंत्रण पट्टी ( पराफेरी बेल्ट ) में आने वाली भूमि का नियमन करने के संबंध में विचार – विमर्श, ट्रेफिक पार्क के लिए भूमि चयन करने के संबंध में विचार – विमर्श और नगरपरिषद , जालोर द्वारा 40 वर्ष पूर्व में जालोर के विभिन्न स्थानों पर आवंटित दुकानों के छत देने के संबंध में विचार – विमर्श आदि मुद्दे शामिल थे।
फाइलें जलाने के आरोपियों का प्रमोशन रोको
इस बैठक में कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर भी बिंदु शामिल था। ऐसे में उन कर्मचारियों को भी प्रमोशन दिया जाना था, जो वर्तमान में नगरपरिषद में फाइलें जलाने के आरोपी है। इस पर पार्षद दिनेश महावर ने विरोध जताते हुए कहा कि दस्तावेज जलाने के आरोपियों को पदौन्नति नहीं दी जाए। जिस पर इन्हें छोड़कर शेष कर्मचारियों पर सहमति बनी।पंजीकृत भूखंडों पर एनओसी मामला गरमायानगरपरिषद ने अपने एजेंडे में शामिल किया कि नगरपरिषद क्षेत्र के अधीन पंजीकृत भूखंडों पर बिजली-पानी के लिए निर्वाचित पार्षद की अनुशंसा पर एनओसी दी जाए, हालांकि कांग्रेसी पार्षद लक्ष्मणसिंह सांखला व बसन्त सुथार ने ऐसी स्थिति में दुरुपयोग बताते हुए विरोध दर्ज कराया। जिस पर बाद में तय हुआ कि विवादित को छोड़कर 1999 तक के पंजीकृत पर एनओसी दी जा सकेगी।सड़क टेंडर को लेकर हंगामाशहर में सड़कों की मरम्मत को लेकर नगरपरिषद ने करीब दो करोड़ की निविदा जारी की है। जिसका कार्य अक्टूबर से शुरू होना है। कांग्रेसी पार्षदों ने नगरपरिषद पर बाहरी अखबार में गुपचुप निविदा निकालने का आरोप लगाया। इस पर काफी बहस भी हुई, लेकिन जब अधिशासी अभियंता दिलीप माथुर ने स्पष्ट किया कि निविदा विज्ञापन सरकार की संवाद एजेंसी रोटेशन वाइज जारी करती है। जिसके बाद मामला शांत हुआ।उपयोग की हुई पानी की बोतलें देने का विरोध
नगर परिषद की बैठक के दौरान एक पार्षद ने बैठक में पार्षदों को पीने के लिए दी गई पानी की बोतलों को लेकर कहा कि ये बोतले कोरोना समय में उपयोग की हुई है जिसे अभी पानी से भर कर हमें दिया है जिसका सभी पार्षदों ने विरोध जताया। हालांकि थोड़ी देर बाद पीने के लिए जो बोतले दी गई वो पैक बोतल दी गई। भाजपा की ओर से अकेले पार्षद दिनेश महावर ने संभाला मोर्चानगर परिषद की बैठक में एक तरफ कांग्रेसी पार्षद कई मुद्दों पर खुलकर विरोध जताते या आरोप लगाते तो भाजपा की ओर से केवल एक मात्र दिनेश महावर उसका जवाब देते दिखे। हर मुद्दे पर उन्होंने भाजपा बोर्ड द्वारा लिए गए फैसलों के बचाव किया।
यूनिपोल के टेंडर निरस्ती को लेकर हंगामाबैठक में यूनिपोल की टेंडर को लेकर भी लम्बी बहस हुई। जहां भाजपाई पार्षद इसे निरस्त करने की आवाज उठाते रहे, वहीं कांग्रेसी पार्षदों ने इसके बचाव करते दिखे।