युवाओं के लिए प्रेरणा बने 62 वर्षीय बुजुर्ग
जालोर। शहर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को एक बच्चे के निमोनिया की शिकायत पर डाक्टरों ने जांच के बाद हीमोग्लोबीन की कमी बताई। जिस पर वहा मौजूद प्रभुराम चौधरी निवासी नोसरा ने बच्चें की स्थिति को देखते हुए रक्त देने की इच्छा जताई। इस पर डाक्टरों ने बुजुर्ग के ब्लड गु्रप की जंाच की तो बच्चें और बुजुर्ग का रक्त गु्रप एक ही गु्रप का निकला। जिस पर बच्चें को रक्त चढाया गया। ब्लड़ डोनर ग्रुप’ के संरक्षक नितेश भटनागर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि जालोर के संजीवनी हॉस्पिटल में 2 वर्षीय दिलीप कुमार पुत्र मीठालाल भील निवासी रामदेव कॉलोनी जालोर को बुखार से निमोनिया की शिकायत होने पर डॉक्टर मुकेश चौधरी द्वारा जांच करने पर बच्चे का हीमोग्लोबिन 5.2 पहुंच गया था। ऐसे में जालोर ब्लड़ डोनर संस्था द्वारा डोनर की व्यवस्था की जा रही थी तभी वही पास बैठे 62 वर्षीय बुजुर्ग प्रभुराम पुत्र हेमाराम चौधरी निवासी नोसरा जो अपने परिवार के सदस्य जो अस्पताल में भर्ती है को देखने आए थे ने बच्चे की हालत देखते हुए रक्तदान करने की इच्छा जताई और 62 वर्ष में पहली बार रक्तदान कर खुशी मनाई। प्रभुराम ने कहा की हमारे समय मे खान-पान सही होने से कभी रक्तदान की आवश्यकता नही पड़ी मगर आज के समय में खान-पान व कमजोरी के कारण छोटी मोटी बीमारी में भी हर किसी को खून की आवश्यकता रहती है
पहली बार रक्तदान करने की खुषी दिखी
रक्तदाता प्रभुराम निवासी आहोर ने कहा कि मेरी उम्र करीब 62 वर्श है। मैने आज पहली बार रक्तदान किया है। उन्होंने कहा कि पहली बार रक्तदान करने पर मुझे अपने आप में बहुत खुषी हुई साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन में रक्तदान करना चाहिए। इंसान ही जरूरत होने पर दुसरे इंसान को रक्त दे सकता है तो ऐसे में हमें रक्तदान करना चाहिए। साथ ही प्रभुराम ने बच्चें के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। वही ब्लड डोनर गु्रप का भी धन्यवाद किया जो पूरे भारत में अपना रक्तदान सेवादान का कार्य कर लोगो की जान बच सके इसके लिए मदद कर रहे है।
फोटो कैैप्शन एक -रक्तदान करते हुए प्रभुराम