– जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर की कार्यवाही की मांग जालोर. जिले में ग्राम पंचायत सायला की ओर से विकास कार्यों के नाम पर भारी अनियमितता करने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता ने जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर पंचायत द्वारा मस्टररोल जारी किए बिना मशीनों से कार्य करने, आचार संहिता के दौरान कार्य करने एवं गोचर-ओरण में बिना पटवारी एनओसी के कार्य करवाने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। साथ ही जांच होने तक भुगतान रोकने की भी मांग की है। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री और पंचायत राज सचिव को भी भेजी है। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत सायला द्वारा वर्ष 2020 में नियम विरुद्ध प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी कर तथा जेटीए से मिलावट कर नियमों की अवहेलना कर कार्य किए गए। क्या है नियम ग्राम पंचायत द्वारा विकास कार्य करवाने के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने के बाद पंचायत समिति द्वारा मस्टररोल जारी किया जाता है, उसके बाद कार्य करवाया जाता है, लेकिन ग्राम पंचायत सायला ने पंचायती राज चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद सरपँच ने जेटीए से मिलावट कर मनमर्जी से स्वीकृति जारी कर पंचायत समिति सायला से मस्टरोल जारी करवाए बिना मशीनरी से कार्य करवाकर भारी अनियमितता की है। इन कार्यों में बरती अनियमितता ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत सायला द्वारा पन्द्रहवा वित आयोग योजना के तहत बीजााराम के घर से भीलवाड़ी महादेव कुटिया तक रख रखाव व स्वच्छता हेतु रास्ता दुरुस्तीकरण कार्य लागत 1,50,000 रुपये एवं बाबूलाल मेवाड़ा के घर से देवजी मेघवाल के घर तक रख रखाव व स्वच्छता हेतु रास्ता दुरुस्तीकरण का कार्य लागत 1,50,000 रुपये के कार्य करना बताया गया। इसमें ग्राम पंचायत ने पंचायत समिति के जेटीए से मिलावट कर बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी करवाई, जिसके लिए जेटीए सक्षम प्राधिकारी नहीं होता है। इसके लिए नियमानुसार जेईएन अथवा एईएन ही तकनीकी स्वीकृति निकाल सकता है। इतना नहीं इसके लिए पंचायत समिति से आॅन लाइन मस्टरोल भी जारी नहीं किया गया है। इसी तरह पन्द्रहवां वित आयोग योजना के तहत थानाराम के घर से मसराराम सरगरा के घर तक रख रखाव व स्वच्छता हेतु सीसी सड़क लागत 3,80,000 का नियम विरुद्ध आचार संहिता के दौरान अपने समर्थक प्रत्याशी को फायदा पहुंचाने के लिए आनन फानन में बिना पटवारी रिपोर्ट एवं मस्टरोल जारी किए करवाया गया है। इसमें भी जेटीए ने नियम विरुद्ध बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी की। मालियों के जीएलआर से मालियों की बाड़ी होते हुए विराणा तिराहे तक बाइपास सायला लागत 2,55,000 का कार्य बिना मस्टररोल जारी किए नियम विरुद्ध मशीनरी से करवाकर मात्र काम की औपचारिकता की है जो भारी अनियमितता है। नदी क्षेत्र ओरण में सार्वजनिक शमशान की चार दीवारी निर्माण कार्य कोडिया समाज सायला पन्द्रहवां वित आयोग योजना के तहत लागत 4,42,000 करवाया गया। उक्त शमशान भूमि नदी क्षेत्र ओरण में स्थित है जो बिना तरमीम के स्वीकृति निकाली गई है। इसमें जेटीए ने पंचायत के साथ मिलावट कर स्वयं सक्षम अधिकारी नहीं होते हुए नियम विरुद्ध बिना मौका देखे स्वीकृति निकाली है। इसी तरह ओरण-गोचर क्षेत्र में स्थित हरीजन समाज शमशान भूमि के लिए भी चार दीवारी का निर्माण करवा दिया। इसी प्रकार सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य बाइपास सड़क से थानाराम सरगरा के घर तक लागत 1,40,000 रुपये का कार्य करवाया गया उक्त क्षेत्र ओरण में भी आया हुआ है, लेकिन कोई पटवारी रिपोर्ट नहीं है तथा जेटीए ने सक्षम प्राधिकारी नहीं होते हुए बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी की। इसी प्रकार सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य बाइपास सड़क से गोपाराम सरगरा के घर तक लागत 43,000 रुपये का कार्य करवाया ओरण में करवाया गया है। इन सभी में जेटीए ने सक्षम प्राधिकारी नहीं होते हुए बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति नियम विरुद्ध जारी की तथा उक्त मामलों के पंचायत समिति से मस्टररोल भी जारी नहीं हुए है। ग्राम पंचायत सायला द्वारा अपने समर्थक प्रत्याशी को पंचायती राज चुनाव (पंचायत समिति सदस्य चुनाव) में फायदा पहुंचाने के लिए आचार संहिता के दौरान राज्य वित आयोग योजना के तहत सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य दुर्गाराम पुरोहित के घर से कबूतरों के चौक तक लागत 2,39,000 करवाया गया है तथा सीसी सड़क मय नाली निर्माण कार्य मोमताजी पुरोहित के घर से दुर्गाराम पुरोहित के घर तक लागत 4,89,000 रुपये का कार्य करवाया गया है। उक्त दोनों कार्य में पटवारी रिपोर्ट नहीं ली गई, इसके अलावा बिना मस्टररोल जारी किए आचार संहिता के दौरान नियम विरुद्ध मशीनरी से कार्य करवाकर भारी अनियमितता की है।कार्य के फोटोज वास्ते अवलोकनार्थ संलग्न है। भील बस्ती जो ओरण क्षेत्र है, में इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक मय नाली निर्माण कार्य अदरा जी भील के घर से मोमताजी भील के घर तरफ कार्य लागत 5,00,000 रुपये का कार्य बिना पटवारी रिपोर्ट के तथा बिना मस्टररोल जारी किए मशीनरी से करवाया गया है। इंटरलाॅकिंग ब्लाॅक मय नाली निर्माण कार्य ओरण क्षेत्र में स्थित हनुमान चौक से जुटजी भील के घर तक लागत 20,1000 रुपये का कार्य बिना मस्टरोल जारी किए मशीनरी से कार्य करवाया गया है। उक्त कार्य में पटवारी रिपोर्ट नहीं ली गई है तथा जेटीए ने बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी की। 2014-15 में हुए कार्यों पर नई स्वीकृति जारी कर करवाए कार्य ग्राम पंचायत द्वारा सरकारी धन का गबन करने के उदेश्य से वर्ष 2014-15 में तत्कालीन पंचायत द्वारा करवाए गए कार्यों को नियमानुसार डेस्टरोय किए बिना नई स्वीकृति जारी कर दी। ग्राम पंचायत ने गबन करने के लिए पन्द्रहवे वित आयोग स्कीम के तहत लक्ष्मीनारायण के घर से जीतु भाई जीनगर की दुकान तक नाली निर्माण लागत 3,59,000 के कार्य की प्रशासनिक व वितीय स्वीकृति निकाली तथा जेटीए से मिलावट कर बिना मौका देखे तकनीकी स्वीकृति जारी करवाई। मेघवालों का धोरा पर तत्कालीन ग्राम पंचायत द्वारा 2014-15 में कार्य नम्बर एक – आंगनबाड़ी केंद्र से पोसाराम के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण कार्य, कार्य नम्बर दो- रामदेवजी मंदिर से जुहाराम मेघवाल के घर तक सीसी रोड मय नाली निर्माण तथा कार्य नम्बर तीन – आंगनवाड़ी से डामर सड़क तक सीसी रोड मय नाली निर्माण करवाया गया था, लेकिन वर्तमान ग्राम पंचायत ने राज्य वित आयोग स्कीम के तहत उक्त तीनों कार्य जिसकी लागत क्रमश: 265000 रुपये, 2,85,000 रुपये तथा 4,45000 रुपये के कार्य बिना पटवारी रिपोर्ट और मस्टररोल जारी किए नियम विरुद्ध करवा दिए। जबकि नियमानुसार पूर्व में निर्मित सीसी रोड निर्माण आदि को डेस्टरोय करना पड़ता है, लेकिन डेस्टरोय की कार्यवाही नहीं की गई तथा जेटीए ने पंचायत से मिलावट कर बिना मौका देखे ही पूर्व में बनी हुई सीसी सड़कों पर दूसरी बार नई तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी। बिना पटवारी रिपोर्ट कार्य ज्ञापन में बताया कि ओरण-गोचर या जो खसरा तरमीम नहीं हुआ है, वहां कार्य करवाने के लिए नियमानुसार पटवारी की रिपोर्ट लेनी आवश्यक है, लेकिन सायला पंचायत ने ओरण-गोचर में बिना पटवारी रिपोर्ट व पंचायत समिति से मस्टररोल जारी करवाए बिना मशीनरी से कार्य करवा दिया, जबकि नियमानुसार मजदूरों से कार्य करवाना होता है, जिसके लिए समिति मस्टररोल जारी करती है। |