– कांग्रेसी पार्षदों ने मंच पर विधायक व उपसभापति बैठने का विरोध जताया
– हंगामा कर कांग्रेसी पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार किया
– भाजपा पार्षदों ने एजेंडे में शामिल 9 में से 8 प्रस्ताव पारित किए
जालोर.
जालोर नगरपरिषद बोर्ड की बैठक गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे सभापति गोविंद टांक की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के पार्षदों ने उपसभापति व विधायक के मंच पर बैठने का विरोध शुरू कर दिया और हंगामा करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। हालांकि हंगामा करने के दौरान विधायक मौजूद नहीं थे, लेकिन कांग्रेसी पार्षद बैठक छोड़कर कक्ष से बाहर आकर खुले में बैठ गए। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने कोरम पूरा मानते हुए बैठक जारी रखकर एजेंडे में शामिल 9 में से 8 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिए। बैठक के बाद कांग्रेसी पार्षदों ने आयुक्त महिपालसिंह को ज्ञापन देकर सभापति गोविंद टांक पर मनमानी का आरोप लगाया। बैठक पूरी होने के दौरान विधायक जोगेश्वर गर्ग भी पहुंच गए थे। बैठक में पार्षद राजेन्द्र टाक, महेश भट्ट, मदनराज जैन, मैथी देवी, मनीषा गहलोत समेत भाजपा पार्षद उपस्थित थे।
ऐसे खड़ा हुआ हंगामा और किया बहिष्कार…
नगरपरिषद की बैठक डेढ़ बजे निर्धारित थी। निर्धारित समय पर करीब सभी पार्षद कक्ष में पहुंच गए थे। मंच पर सभापति गोविंद टांक व उपसभापति अम्बालाल व्यास बैठे थे। विधायक के लिए मंच पर कुर्सी रखी हुई थी, लेकिन विधायक जोगेश्वर गर्ग पहुंच नहीं पाए थे। जैसे ही सभापति ने बैठक का शुभारंभ करने का प्रयास किया, वैसे ही कांग्रेस पार्षद बसन्त सुथार, लक्ष्मणसिंह सांखला व रज्जाक खान ने हंगामा शुरू कर दिया। इनका आरोप था कि विधायक व उपसभापति के लिए मंच पर कुर्सी क्यों लगाई गई। उसे वहाँ से हटाई जाए। हालांकि कांग्रेस के कुछ पार्षद बैठक के पक्ष में भी थे, लेकिन वे कुछ बोल नहीं पाए। कुछ मिनट हंगामा करने के बाद सभी कांग्रेसी पार्षद बाहर परिसर में गार्डन के बाहर आकर बैठ गए। यहां कांग्रेसी पार्षदों ने नारेबाजी भी की। उधर, भाजपा पार्षदों ने बैठक हॉल में सभी मौजूद पार्षदों हस्ताक्षर करवा लिए। इसमें भाजपा व कुछ निर्दलीय पार्षदों के हस्ताक्षर भी शामिल थे, जिससे कोरम पूरा हो गया। हस्ताक्षर की बात सुनकर कांग्रेसी पार्षद बसन्त सुथार, रजाक खान व लक्ष्मणसिंह सांखला वापस दौड़कर बैठक हॉल में आये और रजिस्टर में हस्ताक्षर का विरोध जताया। उन्होंने किये हुए हस्ताक्षर निरस्त करने की मांग की। रजिस्टर को सभापति ने अपने पास रख लिया था, कुछ देर हंगामा करने के बाद फिर कांग्रेसी पार्षद बाहर जाकर बैठ गए। इधर, हॉल में भाजपा पार्षदों ने कोरम पूरा होने का हवाला देते हुए बैठक शुरू कर एजेंडे में शामिल 9 में से 8 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिए। इस दौरान विधायक जोगेश्वर गर्ग भी बैठक में पहुंच गए थे।
बैठक में ये रखे गए थे विचारणीय बिन्दु …
1. शहर में स्थित विभिन्न चौराहे सर्किल आदि के सौन्दर्यकरण हेतु गोद लेने के सम्बंध में बिंदु शामिल था। प्रस्ताव में बताया कि चामुंडा गार्डन के पास, केशवणा रोड तिराहा, कॉलेज के पास तिराहा, एमसीएच तिराहा पर भी सर्किल बनाये जाएंगे।2. नगरपरिषद की विभिन्न भूमियों को चिन्हीकरण कर चारदिवारी करने पर विचार – विमर्श किया गया। ताकि कोई अतिक्रमण न कर सके।3. नगरपरिषद जालोर में सफाई कर्मचारी भर्ती 2018 में नियुक्त सफाई कर्मचारीयों के स्थायीकरण का प्रस्ताव पारित किया गया।4. ई.ई.एसएल कपनी को रोडलाईट रखरखाव के सम्बंध में बकाया बिलों के भुगतान करने पर सहमति हुई।5. कच्ची बस्तियों में सीवरेज कनेक्शन हेतु प्राप्त राशि का उपयोग करने एवं परिषद हेतु मशीन स्वीकृति पर सहमति।6. मृत आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति के संबंध में विचाराअनुमोदन बाबत् 7. शहरीकरण का विस्तार होने से नई एल.ई.डी रोड लाईट खरीद करने पर सहमति8. स्ट्रीट वेण्डर्स ( हाथ लोरी , फुटकर विक्रेता इत्यादि ) का स्थान व शुल्क निर्धारित करने पर सहमति का प्रस्ताव पारित हुआ।
नेतृत्वविहीन हो गए थे कांग्रेसी पार्षद
जालोर नगरपरिषद के इस बोर्ड को बने करीब सवा साल हो गया है, लेकिन यहां विपक्षी कांग्रेस पार्टी अपना नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पाई है। यही वजह है कि नेतृत्वविहीन कांग्रेसी पार्षद मनमर्जी से निर्णय ले रहे थे। ऐसे में कुछ पार्षद बैठक में शामिल होने के इच्छुक होने के बावजूद निर्णय नहीं ले पाए। बैठक में कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष पद रिक्त होने से कांग्रेस के पार्षद बसन्त कुमार, लक्ष्मणसिंह व रज्जाक खान तीनों ही अपनी अपनी अलग अलग दिशा में बहसबाजी में व्यस्त हो गए। इससे शहर के कई विकास के मुद्दे चर्चा से वंचित रह गए। इन मुद्दों पर सदन को घेर सकती थी कांग्रेसकांग्रेसी पार्षद बैठक में शामिल होकर पिछले वर्ष जली फाइलों, शहर में विभिन्न स्थानों पर हो रहे अतिक्रमण, अवैध निर्माण, बस स्टैंड के बकाया किराया की वसूली, शहर में हुए पेचवर्क व नवीन कार्यों की गुणवत्ता समेत विभिन्न प्रकार के विकास के कार्यों को लेकर बोर्ड को घेर सकते थे, लेकिन नेतृत्वविहीन होने के कारण कांग्रेसी पार्षद मुद्दे से भटक गए और बैठक का बहिष्कार कर बाहर आकर बैठ गए।
इनका कहना है….
हमने बैठक से पहले सभापति को कहा था कि उपसभापति व विधायक नहीं बोलेंगे। तब सभापति ने कहा कि वे तो बोलेंगे। इसका हमने विरोध किया।
– लक्ष्मणसिंह सांखला, पार्षद कांग्रेस जालोर
एजेंडे में शामिल मुद्दे जनहित के नहीं थे। पुराने प्रस्तावों पर भी अमल नहीं करते। जिसका हमने विरोध जताया है।
– बसन्त सुथार, पार्षद कांग्रेस, जालोर
एजेंडे में भाजपा बोर्ड ने अपने हित के बिंदु शामिल किए हुए थे। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। वाल्मीकि समाज के लिए जमीन का मुद्दा अटका पड़ा है। इसलिए हमने विरोध किया।
– रज्जाक खान, पार्षद कांग्रेस जालोर
जनहित के मुद्दों को लेकर बैठक आयोजित की। कोरम भी पूरा हो गया था। कांग्रेस के कुछ पार्षद नेता प्रतिपक्ष बनने की होड़ के कारण शहर के विकास में बाधक बन रहे है।
– दिनेश महावर, पार्षद भाजपा, जालोर
नगरपरिषद में फाइलें जलने को एक वर्ष बीत गया। अभी तक पता नहीं लगा कि कितनी फाइलें जली और किसकी जली। नगरपरिषद को इस बारे में जवाब देना चाहिए।
– राजेन्द्र सोलंकी, पार्षद कांग्रेस जालोर