– वरिष्ठ भाजपा नेता हड़मन्तसिंह की पत्नी उगम कंवर
-जालोर वार्ड 17 से सर्वाधिक 1648 मतों से हुई विजयी
– जालोर में भाजपा ने 9 व कांग्रेस ने 8 सीट जीती
जालोर. पंचायत राज चुनाव के सदस्यों के परिणाम आने के बाद अब प्रधान पद को लेकर माथापच्ची शुरू हो चुकी है। जालोर पंचायत समिति में दोनों पार्टियों की सीटों में अंतराल कम होने से मुकाबला रोचक बनता जा रहा है। दरअसल भारी अंतराल से यहां भाजपा को बहुमत नहीं मिला है, जिस कारण एक सीट कम होने के बावजूद कॉन्ग्रेस प्रधान पद कब्जाने के प्रयास में है। अब कांग्रेस की नजर इस पर भी है कि बीजेपी की ओर से प्रधान टिकट देने को लेकर कोई मिस्टेक की जाए, जिस कारण सेंधमारी करके प्रधान पद पर जीत हासिल कर सके। यहां जालौर पंचायत समिति की 17 में से 9 सीटों पर बीजेपी के सदस्य जीते हैं। जबकि 8 सीटों पर कांग्रेस के सदस्य जीत चुके हैं। सबसे कठिन मुकाबला वार्ड संख्या 5 में था जिस पर भाजपा व कांग्रेस के प्रधान पद के दावेदारों के बीच मुकाबला हो रहा था, जहां पर कांग्रेस ने बाजी मार ली है। ऐसे में यहां से प्रधान पद की दावेदारी करने वाले भाजपा के सदस्य मैदान से बाहर हो गए हैं।
बीजेपी को सेंधमारी का खतरा
भाजपा के पास दो प्रबल दावेदार है। वार्ड 17 से उगम कंवर व वार्ड 8 से नारायणसिंह राजपुरोहित प्रधान पद के दावेदार है। चूंकि बीजेपी सांचौर में पुरोहित को दावेदार बनाने जा रही है तो फिर जालोर में राजपूत समाज को मौका दिया जा सकता है। ऐसे में यहां वार्ड 17 से विजयी होने वाली उगम कंवर प्रधान पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। इसी गणित के सहारे भाजपा अपनी 9 सीट को सुरक्षित रखते हुए प्रधान पद पाने का प्रयास कर रही है। भाजपा की ओर से जालोर प्रधान पद के लिए राजपूत समाज को टिकट देना दुगुना फायदेमंद साबित हो सकता है। एक तो सेंधमारी की आशंका पर अंकुश लगेगा, वहीं इस बेल्ट में पार्टी को राजपूत वोट बैंक में भी भविष्य में फायदा मिल सकता है।
कांग्रेस से इन दोनों की प्रबल दावेदारी
कांग्रेस में वार्ड 5 से नरेंद्र सिंह चुरा व वार्ड 12 से प्रदीपसिंह प्रबल दावेदार है। प्रदीपसिंह पूर्व में प्रधान रह चुके है। ऐसे में दावेदारी में नरेन्द्रसिंह का नाम मजबूती में माना जा सकता है, ऐसे में भाजपा की ओर से टिकट वितरण में हल्की सी मिस्टेक कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकती है। कांग्रेसी भी इसी ताक में है।
वर्षों से भाजपा में सक्रिय है उगम कंवर
भाजपा से प्रधान पद की प्रबल दावेदार उगम कंवर वर्षों से पार्टी में सक्रिय है। खुद पार्टी में उपाध्यक्ष है, जबकि पति हड़मतसिंह अभी पंचायतराज चुनाव में बागोड़ा के प्रभारी भी रहे है। वहीं बागरा में दो बार मंडल अध्यक्ष की भूमिका निभा चुके है। इस बेल्ट में हमेशा भाजपा को बढ़त दिलाते है। इनकी सक्रियता का इनाम पार्टी प्रधान पद के रूप में भी दे सकती है।
टिकट में चूक हुई तो हो जाएगी भीनमाल वाली हालत
भाजपा को इस बार टिकट देने में बड़ा ध्यान रखने की भी जरूरत है। हल्की चूक पद गवां सकती है। आपको बता दें नगर पालिका के चुनाव में भीनमाल में की थी। भारतीय जनता पार्टी 18 सीट जीतने के बावजूद भी 14 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने चेयरमैन पद हथिया लिया था। ऐसे में भाजपा के लिए इस बार और सतर्क रहने का समय है। देखना यह है 10 दिसंबर को पार्टी की ओर से किस को प्रत्याशी बनाया जाता है।