जवाई जल वितरण में पेट्रोलिंग जरूर, लेकिन रहती है परेषाानियां
तरुण गहलोत
जालोर।
राह की रूकावटों से अंतिम छोर के खेत को नहीं मिलती पूरी पाण, जानते हैं इस बात को अधिकारी और संगम अध्यक्ष भी नहीं है अनजान, फिर भी अंतिम छोर पर कम पानी मिलने से हर साल धुंधले रह जाते हैं अरमान। ये पंक्तियां जवाई बांध से कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई के लिए पाण देने के दौरान टेल पर स्थित खेतों के लिए सटीक बैठती है। सालों से टेल पर स्थित काष्तकार कम पानी मिलने की बात को दोहराता आ रहा है और आज भी यह समस्या विभाग के लिए मुख्य परेषानी बनी हुई है। हालांकि विभाग की माने तो 24 घण्टे पेट्रोलिंग होती है और कैम्प लगाकर किसानों की समस्या का समाधान किया जाता है, फिर भी यह समस्या पूर्ण रूप से निस्तारित नहीं हुई है। इसमें कौन कितना दोष है यह तो जांच का विषय है, लेकिन रात के अंधेरे में आउटलेट पर कुछ संदिग्ध लोगों की कथित रूप से पानी चोरी की गतिविधियां, विभाग की सतर्कता में कमी, वितरिकाओं की सफाई की बात या फिर भी अन्य कोई कारण हो, ये सभी टेल पर पाण की राह में रूकावट साबित हो रहे है।
जालोर के आहोर क्षेत्र के चांदराई, बिठुडा और जोडा में टेल तक पानी पहुंचने को लेकर अक्सर षिकायत रहती है। किसानों का कहना है कि इन तीनों टेल पर पानी कम पहुंचता है। विभाग की ओर से पर्याप्त पानी नहीं छोडा जाता है।
किसानों का कहना है कि उनके हक का पूरा पानी नहीं खोलने से अंतिम छोर स्थित खेतों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता है। इस समस्या को लेकर किसान जल संगम अध्यक्ष के माध्यम से भी अपनी बात को जवाई जल वितरण विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। इधर जोडा में भी टेल के खेतों में पानी नहीं पहुंचने को लेकर किसानों ने आवाज उठाई। जानकारी मिलने के बाद आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने जोडा के टेल पर स्थित खेतों और वितरिका का निरीक्षण किया। बाद में अधिकारियों से बातकर पर्याप्त पानी खोलने के लिए कहा।
जोडा में अंतिम छोर पर नहीं पहुंच रहा है पहली पाण का पानी
आहोर उपखंड क्षेत्र के जोड़ा में जवाई नहर की पहली पाण का पानी खेतों तक पहुंचने लग गया है, लेकिन अंतिम छोर पर स्थित खेतों तक पानी सुचारू रूप से नहीं पहुँच रहा है। जिससे क्षेत्रीय किसानों में रोष है। इस समस्या के बारे में काश्तकारों से सूचना मिलने पर आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने जोड़ा माइनर के टेल का निरीक्षण किया। गौरतलब है कि आहोर उपखंड क्षेत्र के जोड़ा में जवाई नहर की पहली पाण का पानी टेलो पर पानी सुचारू रूप से नहीं पहुँच रहा है। जिससे किसानों के खेतों में टेल पर पानी की आवक कम होने से पानी नही पहुँच पा रहा है। इस विषय को लेकर विधायक राजपुरोहित ने जोड़ा माइनर के टेल का निरीक्षण किया और पानी की आवक कम होने से जवाई कमांड क्षेत्र के सम्बंधित अधिकारियों से बात की। विधायक ने टेल तक पानी सुचारू रूप से देने के निर्देश दिए। इस दौरान बिठुडा सरपंच जयन्तीलाल कुमावत, गणेशाराम प्रजापत, राणाराम मेवाडा, नारायण सिंह बालोत, छेलसिह बालोत, भोपाल सिंह, सवाईसिंह सांकरणा, गोपाराम जोडा, प्रकाश भारती, जगदीशनाथ, भीखाराम कुमावत, कस्तूरजी घांची, जुहाराराम घांची हबताराम कुमावत, दलजी जोडा आदि कई किसान लोग मौजूद थे।
जालोर और पाली जिले में है कुल 23 अंतिम छोर
जालोर और पाली जिले के कमाण्ड क्षेत्र में 38 हजार 671 हैक्टेयर भूमि में चार पाण के माध्यम से सिंचाई की जाएगी। इसमें किसानों को चार पाण में चार हजार एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा। टेल क्षेत्र को छोडकर अन्य आउटलेट में इतनी समस्या नहीं है, लेकिन जालोर के नौ और पाली के 13 टेल को लेकर विभाग सतर्क रहता है। वहीं एक टेल मुख्य नहर पर है। इन टेल पर कम पानी पहुंचने की समस्या आम है। विभाग की ओर से टेल पर कम पानी पहुंचने की समस्या के निस्तारण के लिए कैम्प लगाए गए है। तखतगढ और साण्डेराव में भी कैम्प लगाए गए है, जहां पर सहायक अभियंता के साथ पूरी टीम को मुस्तैद किया गया है।
षिकायत मिलने पर किया था मौके का निरीक्षण
जालोर के अंतिम छोर जोडा में जब वितरिका में कम पानी बहने की बात पता चली तो मौके पर गया। काष्तकारों के साथ वितरिका का निरीक्षण किया तो कम पानी मिलने की बात भी सामने आई। इसको लेकर जवाई जल वितरण के अधिकासी अभियंता से बातकर जल्द से जल्द इस समस्या के निस्तारण के लिए कहा। हालांकि टेल पर काष्तकारों के माथे पर कम पानी को लेकर चिंता की लकीरें रहती है। उनकी समस्या का सभी मिलकर निवारण करने का प्रयास करते हैं। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों और स्टाफ को ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए किसानों की समस्या का निस्तारण करना चाहिए।
-छगनसिंह राजपुरोहित, विधायक आहोर
विभाग 24 घण्टे मुस्तैद, सूचना मिलते ही पहुंचता है मौके पर
जालोर और पाली क्षेत्र में 23 टेल है, जिसमें एक टेल मुख्य नहर पर है। ऐसे में 22 टेल पर विषेष रूप से फोकस रहता है। कई बार आउटलेट के अचानक पानी लेने, वितरिका में सफाई और अन्य कारणों से समस्या आती है। कई बार अज्ञात लोगों की ओर से जल वितरण को प्रभावित करने की कोषिष की जाती है। हालांकि विभाग का मुख्य उद्देष्य टेल तक पानी पहुंचाना है। जैसे ही कैम्प में बैठे अधिकारियों को सूचना मिलती है तो तत्काल प्रभाव से समस्या का निस्तारण किया जाता है। इसमें सभी मिलकर काम करते हैं। जल संगम अध्यक्षों की भी बेहतरीन भूमिका रहती है। टेल पर स्थिति किसान समस्या होते ही जल्द से जल्द सूचना दें, ताकि तत्काल एक्षन लिया जा सके।
चंद्रवीरसिंह, अधिषासी अभियंता, जवाई जल वितरण